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लेखनी कहानी -23-Mar-2023

कुमारसंभवम्-3 
 
 द्वितीय सर्ग
दूसरे सर्ग में इन्द्र आदि सभी देवता तारकासुर के अत्याचारों से त्रस्त होकर ब्रह्माजी के पास जाकर अपनी कष्ट-कथा सुनाते है तथा प्रार्थना करते हैं कि आप ही तारकासुर का दमन कर सकते हैं। ब्रह्माजी अपनी विविशता प्रकट करते हैं कि मेरे ही वरदान से वह इतना शक्तिशाली हुआ है, मैं स्वयं उसका संहार नहीं कर सकता। वे देवताओं को उपाय बताते हैं कि शिव का यदि पार्वती से विवाह हो जाए तो इस युगल से उत्पन्न पुत्र तारकासुर को नष्ट कर सकता है। शिव का वीर्य धारण करने की क्षमता पार्वती के अतिरिक्त किसी में नहीं है। इसलिए आप लोग कोई ऐसा उपाय करें, जिससे तपस्या में तल्लीन शिव का मन पार्वती में अनुरक्त हो। ब्रह्मा जी के इस परामर्श के पश्चात् इन्द्र कामदेव को स्मरण करते हैं। कामदेव के देवराज इन्द्र के सम्मुख उपस्थित होने के साथ ही सर्ग की समाप्ति होती है।

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